Spirulina benefits in hindi, capsules uses,

Spirulina benefits in hindi:आज इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं स्पिरुलिना के बारे में। स्पिरुलिना एक ऐसा नेचुरल हेल्थ सप्लीमेंट है जो कि आजकल बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो रहा है। हर एक आदमी इसके बारे में जानना चाहता है, समझना चाहता है और इसको इस्तेमाल करना चाहता है।

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हाय एवरीवन, मेरा नाम krishna हैं और आज इस में हम बात करने वाले हैं स्पिरुलिना के बारे में। capsules uses, spirulina powder, स्पिरुलिना एक ऐसा नेचुरल हेल्थ सप्लीमेंट है जो कि आजकल बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो रहा है। हर एक आदमी इसके बारे में जानना चाहता है, समझना चाहता है और इसको इस्तेमाल करना चाहता है। स्पेशली जबसे नासा ने इस प्रक्रिया को

एंडोर्स किया है तब से तो इसकी पॉपुलैरिटी बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है। तो आज के इस आर्टिकल में मैं आपको बताने वाला हूं कि इस एक्चुअली में है क्या चीज। इससे आपको कौन कौन से हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं और कौन कौन से ऐसे पोटेंशियल साइड इफेक्ट हैं जो कि इससे आपको हो सकते हैं और जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए।

आर्टिकल में मैं आपको यह भी बताऊंगा कि इस प्लान को आपको किस तरह से इस्तेमाल करना होता है और कितनी डोज में इस्तेमाल करना होता है। तो चलिए बिना किसी देरी के इस इंटरेस्टिंग आर्टिकल को जानते हैं इन सभी चीजों के बारे में पूरी डिटेल से।

What is spirulina

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तो सबसे पहले जान लेते हैं कि एक्चुअल में स्पिरुलिना होती क्या चीज है। स्पिरुलिना दोस्तों एक ब्लू ग्रीन एल्गी है यानी एक तरह का शैवाल है। एक ऐसा बैक्टीरिया है जो कि फ्रेश वाटर में और सॉल्ट वाटर में दोनों में ही पैदा हो सकता है। लेकिन यह एक स्पेशल तरह का बैक्टीरिया होता है जिसको साइनो बैक्टीरिया बोलते हैं।

इसके अंदर ये क्वालिटी होती है कि सनलाइट की मौजूदगी में यह अपने अंदर एनर्जी प्रोड्यूस कर सकता है जैसे कि प्लांट करते हैं। इस स्पिरुलिना के अंदर यानी इस साइनो बैक्टीरिया के अंदर आपको करीब करीब सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स मिल जाते हैं। इसके अंदर आपको कैल्शियम मिलता है, आयरन मिलता है, जिंक मिलता है, मैग्नीशियम मिलता है, मैंगनीज मिलता है

विटामिन मिलते हैं और भी करीब करीब सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स आपको स्पिरुलिना के अंदर मिल जाते हैं। इनफैक्ट ये जो न्यूट्रिएंट है स्पिरुलिना के अंदर ये इतने ज्यादा कंडेंस फॉर्म में होते हैं कि नासा का कहना है कि एक ग्राम स्पिरुलिना के अंदर इतने न्यूट्रिएंट्स हैं जितने कि एक किलो फ्रूट। वेजिटेबल्स के अंदर आपको मिलते हैं

तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना ज्यादा कंडेंस फॉर्म में न्यूट्रीशन आपको स्पिरुलिना के अंदर मिलता है और इसी वजह से नासा ने बोला था कि हम अंतरिक्ष में इसको पैदा करेंगे और जो हमारे साइंटिस्ट होंगे, जो अंतरिक्ष में जाएंगे एस्ट्रोनॉट्स वो इस स्पिरुलिना को खाएंगे क्योंकि बहुत कम क्वांटिटी में उनको बहुत अच्छा न्यूट्रिशन वहां पर मिल जाएगा स्पिरुलिना को इस्तेमाल करने से आपको बहुत सारे हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं।

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स्पिरुलिना को इस्तेमाल करने से आपकी मसल स्ट्रेंथ बढ़ती है। फिजिकल एंड्यूरेंस आपकी बढ़ती है। बॉडी के अंदर जो बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल होता है और ट्राइग्लिसराइड्स होते हैं वो कम होने लगते हैं। आपका ब्लड प्रेशर सही रहता है। अगर आपकी ब्लड शुगर बढ़ी रहती है

तो उसको नॉर्मल करने के लिए भी स्पिरुलिना एक बहुत बढ़िया चीज होती है। उम्र के साथ साथ जो हमारी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, हड्डियों की डेंसिटी कम होने लगती है उस डेंसिटी को बढ़ाने के लिए भी स्पिरुलिना एक बहुत ही बढ़िया चीज है। खून की कमी शरीर में हो जाना एक बहुत आम बीमारी है स्पेशली औरतों के अंदर तो खून की कमी यानी एनीमिया के केस में भी स्पिरुलिना आप इस्तेमाल कर सकते हैं।

आपको बहुत अच्छे रिजल्ट इसकी मदद से मिलेंगे। कैंसर होने का जो रिस्क हमारी बॉडी के अंदर होता है वो भी स्पिरुलिना को इस्तेमाल करने से कम हो जाता है। तो इन शॉर्ट आपको किसी भी तरह की कोई प्रॉब्लम हो हर एक प्रॉब्लम में आपको स्पिरुलिना कुछ ना कुछ हेल्थ बेनिफिट जरूर देती है

और इसी वजह से हर एक इंसान को चाहे वो हेल्दी हो चाहे वो हेल्दी नहीं हो हर एक इंसान को स्पिरुलिना रेगुलरली इस्तेमाल जरूर करना चाहिए क्योंकि अगर आप हेल्दी हैं तो आपकी हेल्थ मेंटेन रहेगी और अगर आप अनहेल्दी हैं आपको कोई प्रॉब्लम ऑलरेडी है तो उस केस में आपको स्पिरुलिना लेने से काफी फायदा मिलेगा।

स्पिरुलिना के अंदर आपको प्रोटीन भी काफी ज्यादा मात्रा में मिलता है। तो अगर आप कोई ऐसे इंसान हैं जो कि नॉन वेजिटेरियन नहीं है सिर्फ वेजिटेरियन खाना खाते हैं तो ऐसे लोगों के अंदर अक्सर एसेंशियल अमीनो एसिड की कमी हो जाती है। क्योंकि एसेंशियल अमीनो एसिड आपको मोस्टली नॉन वेजिटेरियन फूड आइटम्स में ही मिलते हैं

लेकिन स्पिरुलिना अकेली ऐसी चीज है जिसके अंदर आपको करीब करीब सभी एसेंशियल और नॉन एसेंशियल एमिनो एसिड्स मिल जाते हैं। तो अगर आप वेजिटेरियन हैं तो आपको स्पिरुलिना जरूर इस्तेमाल करना चाहिए। अब जब बात हो रही है स्पिरुलिना के अंदर पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स के बारे में तो एक मिस कंसेप्शन भी आज आपका क्लियर करना बहुत ज्यादा जरूरी है क्योंकि अक्सर लोग इस चीज को लेकर काफी ज्यादा धोखा खा जाते हैं।

दोस्तों अक्सर ये माना जाता है कि स्पिरुलिना के अंदर आपको विटामिन बी भी बहुत ज्यादा मिलता है। उसका एक अच्छा सोर्स होता है जो कि एक गलत बात है। क्योंकि स्पिरुलिना के अंदर जो बीटा होता है वो एक्चुअल में सीड होता है यानी एक तरह का फेक बीज होता है। आप कह सकते हैं और यह इंसानों के लिए किसी काम का नहीं होता है।

तो अगर आपका मान लीजिए बीज कम है और आप उसके लिए कोई ऑलरेडी विटामिन बी का सप्लीमेंट ले रहे हैं और साथ में आप स्पिरुलिना भी लेना शुरू कर देते हैं इस उम्मीद में कि नैचुरली आपका इससे भी और भी मिलेगा और जल्दी पूर्ति होने लगेगी आपकी बॉडी में। इसकी तो

इसकी वजह से क्या होगा आपको और नुकसान हो जाएगा और नुकसान कैसे होगा? वो नुकसान ऐसे होगा कि जो सीड्स बीटा स्पिरुलिना के अंदर पाया जाता है दोस्तों वो आपकी बॉडी के अंदर उस ओरिजनल उस सप्लीमेंट को भी एब्जॉर्ब होने से रोक देगा जो कि आप अलग से ले रहे थे।

Spirulina capsules uses in hindi

अब बात करते हैं कि स्पिरुलिना को इस्तेमाल किस तरह से किया जाता है। तो स्पिरुलिना को दोस्तों दो तरीके से आप इस्तेमाल कर सकते हैं। एक टैबलेट फॉर्म में अवेलेबल रहता है मार्केट में और दूसरा होता है पाउडर फॉर्म में। पाउडर फॉर्म में अगर आप इसको लेते हैं तो थोड़ा सा आपके लिए खाना इसको मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसका पाउडर काफी ज्यादा कड़वा टेस्ट लगता है। फिर भी अगर आप इसको पाउडर फॉर्म में लेना चाहते हैं तो आप एक चम्मच पूरे दिन में पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

पानी में मिलाकर भी इसको आप ले सकते हैं या फिर फ्रूट जूस में मिलाकर भी इसको आप इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप इसकी टैबलेट लेना चाहते हैं तो अलग अलग ब्रांड के हिसाब से अलग अलग मैन्युफैक्चरर्स के हिसाब से आपको रिकमेंडेशन देखनी होती है कि उस ब्रांड का, उस प्रोडक्ट का जो रिकमेंड डोज है वो क्या है और उसके हिसाब से ही आपको इसको इस्तेमाल करना चाहिए।

Best spirulina brand in india

दोस्तों बात करते हैं कि कौन सी कंपनी का कौन सा ब्रांड का स्पिरुलिना आपको इस्तेमाल करना चाहिए। तो देखिए मार्केट में वैसे तो बहुत अलग अलग तरह के सप्लीमेंट्स बहुत अलग अलग तरह के प्रोडक्ट और कंपनीज हैं जो कि इसके सप्लीमेंट को बना रही हैं और मार्केट में बेच रही हैं। तो आप किसी भी अच्छी

कंपनी का किसी भी अच्छे रिलायबल ब्रांड का स्पिरुलिना ले सकते हैं और उसको इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगर आप मेरी रिकमेंडेशन जानना चाहते हैं तो मैं पहले भी रिकमेंड कर चुका हूं और आज एक बार फिर से आपको रिकमेंड करता हूं कि मेरा रिकमेंडेशन रहता है। सुनो कंपनी का स्पिरुलिना कंपनी का जो स्पिरुलिना है। दोस्तों ये हंड्रेड परसेंट ऑर्गेनिक प्रोडक्ट है यानी इसके अंदर आपको हंड्रेड परसेंट प्योर स्पिरुलिना मिलता है।

बिना किसी मिलावट के, बिना किसी टॉक्सिन के और बिना किसी पेस्टिसाइड के या बिना किसी और ऐसे केमिकल के जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ये प्रोडक्ट कैप्सूल फॉर्म में आता है। एक कैप्सूल में आपको 500 मिलीग्राम प्योर स्पिरुलिना मिलता है।

दिन भर में दो कैप्सूल आपको इसको लेने होंगे। एक कैप्सूल आपको लेना है सुबह नाश्ता करने के आधा घंटे बाद और एक कैप्सूल आपको लेना है रात को खाना खाने के आधा घंटे के बाद। पूरी तरह से नेचुरल और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट होने की वजह से इसकी कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है और पूरी तरह से हैवी मेटल से भी सेफ है।

इस प्रोडक्ट का जो प्राइस है दोस्तों वो भी काफी ज्यादा इकोनॉमिकल है तो आपके लिए जेब पर भी ज्यादा भारी इसका खर्चा नहीं पड़ेगा और आप लॉन्ग टर्म तक इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।

अब बात करते हैं कि स्पिरुलिना को इस्तेमाल करते समय आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। कौन कौन से ऐसे प्रिकॉशन हैं जिनको फॉलो करना चाहिए और कौन कौन से ऐसे खतरे हैं जो आपको हो सकते हैं इसके इस्तेमाल से। तो देखिए सबसे पहली चीज जिसका आपको ध्यान रखना है वो यह कि स्पिरुलिना पैदा होता है पानी के अंदर।

तो अगर ये किसी ऐसी जगह पर पैदा हो रहा है, किसी ऐसी जगह से लिया जा रहा है जहां पर इंडस्ट्रियल वेस्ट को डंप किया जाता है जो कि आजकल बहुत ही ज्यादा कॉमन है। स्पेशली अपने इंडिया में तो ऐसे केस में इसके अंदर पॉल्यूटेड हो सकते हैं। इसके अंदर टॉक्सिन हो सकते हैं और हैवी मेटल्स भी हो सकते हैं जो कि आपकी सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक होते हैं।

तो हमेशा कोशिश करिए कि जिस भी ब्रांड का आप स्पिरुलिना ले रहे हैं वो कोई रिलायबल ब्रांड है। दूसरी चीज जिसका आपको ध्यान रखना है वो ये दोस्तों कि स्पिरुलिना आपकी इम्यूनिटी को एन्हांस करता है, आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाता है। तो अगर आपको कोई ऐसी प्रॉब्लम है, कोई ऐसी है हेल्थ जो कि ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है। ऑटो इम्यून डिसऑर्डर क्या होता है कि इसके अंदर आपकी इम्यूनिटी आपके शरीर को टारगेट करने लगती है, नुकसान पहुंचाने लगती है।

जैसे कि रूमेटॉयड अर्थराइटिस एक तरह का ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है तो ऐसे केसेस में आपको स्पिरुलिना लेने से बचना चाहिए। तीसरी प्रिकॉशन ये है कि अगर आप कुछ ब्लड स्क्रीनिंग मेडिसिंस ले रहे हैं यानी ऐसी मेडिसिंस जो कि आपके खून को पतला करती है तो ऐसे लोगों को स्पिरुलिना इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि स्पिरुलिना जो है ये आपके खून के अंदर थक्का जमने की क्वालिटी को ऑलरेडी कम कर देता है।

तो ऐसे लोगों के लिए इसका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। अगर आपको इस तरह की मेडिसिंस लेते हैं तो आपको पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट कर लेना चाहिए।

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